
विद्यार्थी कल्याण संस्थान की सबसे प्रमुख योजनाओं में से एक “प्रभु-प्रसाद” योजना है। योजना के दो भागो में से प्रथम भाग मानव सेवा योजना है। इस योजना के द्वारा 300 जरूरतमन्द, अपंग, लावारिस, बच्चो व बड़ो को बडे प्यार व सम्मान के साथ भोजन कराया जाता है।
एक भूखे को भोजन मिलने के बाद उसकी आत्मा से आपके लिये जो दुआयें व आशीर्वाद मिलता है उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते । बहुत से भामाशाह अपने किसी प्रियजन कि पुण्य तिथी, स्वर्गवास, जन्मदिन, वर्षगांठ, शादी आदि अवसरो पर भूखों को भोजन कराना चाहते है पर समय व अव्यवस्था के कारण यह पुण्यकर्म नहीं कर पाते ।
VKS अपनी प्रभु प्रसाद मानव सेवा योजना के माध्यम से आपके इसी पुण्यकर्म को करने का माध्यम बना है। आप अपना भोजन सहयोग निम्न विवरणिका के अनुसार भिजवा सकते है।
आप कि सेवार्थ अनेकानेक गतिविधियों का संचालन आपके द्वारा दिये गये सहयोग से हम करते आ रहे है, कर पा रहे हैं व निरन्तर पूर्ण सेवा भाव से करते जायेगें। विद्यार्थीयों को सामान्य ज्ञान पुस्तक वितरण से प्रारम्भ सेवा प्रकल्प का सफर आज अन्नप्रसादोत्सव की अपार सफलता के साथ निरन्तर आगे बढ़ता जा रहा है। मन को कितना सुकून मिलता है जब हम किसी भूखे को जाकर उसे बड़े प्यार व सम्मान से भोजन कराते है व भोजन कराने के उपरान्त उस जरूरत मन्द के आशीर्वाद व दुआओं के हकदार बनते हैं और यह आनन्द ओर भी बढ़ जाता है जब हम उन मूक बधिर पशु-पक्षीयों के भोजन मे भी सहभागी बनते हैं।
जो पशु-पक्षी हमसे अपनी मजबुरी, अपनी भूख के बारे मे बता नही सकते उनको भोजन करवाना, उनकी सेवा करना और भी ज्यादा पूण्य सेवा कार्य माना जाता है। और VKS ने इस सेवा कार्य को बड़ी ईमानदारी से निभाया है। मन को कितनी तसल्ली होती है जब किसी नंगे बदन या गरीब जरूरतमन्द को कपड़े पहनाकर हम उसके मंगल जीवन कि कामना करते हैव उनकी दुआओं के हकदार बनते है।
मानव सेवार्थ अनेकानेक योजनाएँ VKS संचालित कर रहा है और कई भावी योजनाएँ संचालन कि तैयारी में है। आपका आर्थिक सहयोग हमें हमेशा मिलता आया है और बढ़ते क्रम में मिलता रहेगा।
ताकि हम आपके लिये पुण्यकर्म कमा सके व आपके भावी जीवन को सार्थक बना सके । हमारे पास आपको धन्यवाद देने के लिये शब्दों की कमी हो रही है, आपको बहुत-बहुत साधुवाद ।
सस्थान के प्रमुख सवा प्रकल्प प्रभु प्रसाद सेवा प्रकल्प प्रभु-प्रसाद सस्थान के महत्वपुर्ण सेवा प्रकल्प में से एक है। आइये हम सभी मिलकर सकल्प ले कि कुछ ऐसा करे कि अब कोई भी मुखा ना रहै। इस सेवा प्रकल्प के द्वारा उदयपुर षहर के मन्दिरो के बाहर बेटे हुए मजबूर जरूरतमन्द कच्ची बरित्तयों में रहने वाले जरूरतमन्द, हॉस्पिटल में आने वाले गरिज और उनके परिजन, गाँवो में रहने वाले मजदुर आदी जरूरतमन्दो को प्रतिदिन बड़े प्यार व सम्मान के साथ मोजन कराया जाता है। एक भूखे को गोजन गिलने के बाद उसकी आत्गा से अरापके लिये जो दुऑए और आषिर्वाद मिलता है उसकी आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते। आप अपने किसी प्रियजन कि पुण्य तिथी, स्वगर्वास, जन्मदिन, वर्शगॉत, षादी आदी अवसर पर दन जरूरतमन्दो को भोजन कराना चाहते है तो आप श्री अपना सहयोग निम्न विवरणिका के माध्यम से भिजवा सकते हैं।
1000 जरूरतमन्दो के लिये प्रभु प्रसाद सहयोग 41000 रू 800 जरूरतगन्दों के लिये प्रभु प्रसाद सहयोग 31000 रु. 500 जरूरतमन्दो के लिये प्रभु प्रसाद सहयोग 21000 रु. 300 जरूरतमन्दो के लिये प्रभु प्रसाद सहयोग 11000 रु 100 जरूरतगन्दों के लिये प्रभु प्रसाद सहयोग 4100 रु.
आप 100000 रु. का सहयोग कर आजिवन संरक्षक बनकर 300 जरूरतमन्दो को वर्श में एक बार अपनी किसी तारिख पर भोजन करा कर पुण्यकमों के लाभाथी बन सकते है। आप 51000 रु. का सहयोग कर आजिवन सदस्य बनकर 150 जरूरतमन्दो को वर्श में एक बार अपनी किसी तारिख पर भोजन करा कर पुण्यकमों के लाभार्थी बन सकते हैं।